Hello Students, क्या आपको पता है अनुसूचित जनजाति शब्द सबसे पहले भारत के संविधान में इस्तेमाल हुआ था। हमारे भारत के सविधान के अनुच्छेद 366 (25) में अनुसूचित जनजातियों को "ऐसी जनजातियां या जनजाति समुदाय या इनमें सम्मिलित जनजाति समुदाय के भाग या समूहों को संविधान के प्रयोजनों हेतु अनुच्छेद 342 के अधीन अनुसूचित जनजातियां माना गया है" इसलिए आज हम भारत की प्रजातियां एवं जनजातियाँ के बारे में पड़ेंगे। और हमें ऐसी जानकारी होना भी चाहिए, की हमारे देश में आखिर जातीय क्या है , तो चलिए दोस्तों इस महत्वपूर्ण जानकारी को पड़ते है
1. कृषि से सम्बंधित होने के कारण अनुसूचित जातियां मुख्यतः उत्तरी भारत के विशाल उपजाऊ तटीय मैदानों में संकेंद्रित हैं।
2. देश के पहाड़ी तथा जंगली क्षेत्रों में जहाँ जनजातीय लोगों का संकेन्द्रण है, वहीँ अनुसूचित जातियों की संख्या काफी विरल है।
3. 2001 एवं 2011 की जनगणना के अनुसार 5 राज्यों पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा, दिल्ली एवं पुदुचेरी में कोई भी अनुसूचित जनजातियां, अनुसूचित नहीं हैं।
4. उत्तर-पूर्व में आन्ध्र प्रदेश में कृष्णा नदी पर अन्नामलाई पहाड़ियों के अर्ध-गोलाकार भाग में चेंचू जनजाति रहती है।
5. 2011 की जनगणना के अनुसार अनुसूचित जातियों की जनसँख्या 104,281,034 है। जो कुल जनसँख्या का 8.6 % है।
6. शैम्पेन, ओंग, जारवा, सेंटलीज अंडमान एवं निकोबार में रहने वाली जनजातियाँ हैं।
7. मंगोल प्रजाति समूह का आदि स्थान चीन है, यह प्रजाति उत्तर प्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और मालाबार तट पर पाई जाती है।
8. सामाजिक तथा आर्थिक दृष्टि से वंचित जाति समूहों को अनुसूचित जातियों के रूप में माना जाता है।
9. 80% अनुसूचित जातियां ग्रामीण इलाकों में रहती हैं और भारतीय कृषि को ठोस आधार प्रदान करती हैं।
10. 2001 की जनगणना के अनुसार अनुसूचित जातियां ग्रामीण इलाकों में रहती हैं और भारतीय कृषि को ठोस आधार प्रदान करती हैं।
11. पश्चिमी घाट के सहारे दक्षिण कन्नड़, कुर्ग की पहाड़ियों के निचले इलाकों में युरुबा और टोडा रहते हैं।
12. गद्दी, बकरवाल जम्मू-कश्मीर की अनुसूचित जनजातियाँ हैं।
13. निग्रिटो मानव समूह भारत में प्रवेश करने वाला पहला समूह है।
14. भारत में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, एवं केरल राज्यों के पहाड़ी तथा वन क्षेत्रों’ और अंडमान द्वीपों में निग्रिटो प्रजाति के मानव समूह हैं।
1. कृषि से सम्बंधित होने के कारण अनुसूचित जातियां मुख्यतः उत्तरी भारत के विशाल उपजाऊ तटीय मैदानों में संकेंद्रित हैं।
2. देश के पहाड़ी तथा जंगली क्षेत्रों में जहाँ जनजातीय लोगों का संकेन्द्रण है, वहीँ अनुसूचित जातियों की संख्या काफी विरल है।
3. 2001 एवं 2011 की जनगणना के अनुसार 5 राज्यों पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा, दिल्ली एवं पुदुचेरी में कोई भी अनुसूचित जनजातियां, अनुसूचित नहीं हैं।
4. उत्तर-पूर्व में आन्ध्र प्रदेश में कृष्णा नदी पर अन्नामलाई पहाड़ियों के अर्ध-गोलाकार भाग में चेंचू जनजाति रहती है।
5. 2011 की जनगणना के अनुसार अनुसूचित जातियों की जनसँख्या 104,281,034 है। जो कुल जनसँख्या का 8.6 % है।
6. शैम्पेन, ओंग, जारवा, सेंटलीज अंडमान एवं निकोबार में रहने वाली जनजातियाँ हैं।
7. मंगोल प्रजाति समूह का आदि स्थान चीन है, यह प्रजाति उत्तर प्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और मालाबार तट पर पाई जाती है।
8. सामाजिक तथा आर्थिक दृष्टि से वंचित जाति समूहों को अनुसूचित जातियों के रूप में माना जाता है।
9. 80% अनुसूचित जातियां ग्रामीण इलाकों में रहती हैं और भारतीय कृषि को ठोस आधार प्रदान करती हैं।
10. 2001 की जनगणना के अनुसार अनुसूचित जातियां ग्रामीण इलाकों में रहती हैं और भारतीय कृषि को ठोस आधार प्रदान करती हैं।
11. पश्चिमी घाट के सहारे दक्षिण कन्नड़, कुर्ग की पहाड़ियों के निचले इलाकों में युरुबा और टोडा रहते हैं।
12. गद्दी, बकरवाल जम्मू-कश्मीर की अनुसूचित जनजातियाँ हैं।
13. निग्रिटो मानव समूह भारत में प्रवेश करने वाला पहला समूह है।
14. भारत में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, एवं केरल राज्यों के पहाड़ी तथा वन क्षेत्रों’ और अंडमान द्वीपों में निग्रिटो प्रजाति के मानव समूह हैं।
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