हेलो दोस्तों ! www.examgkbook.blogspot.in में आपका स्वागत है आज हम पड़ेंगे विशेष प्रश्नोत्तर पृथ्वी का वायुमंडल, वायुमंडल संगठन, गैस, मिटटी, आयतन, आकर, उपस्थित कर्ण इत्यादि के पृथ्वी के सम्पूर्ण सामान्य ज्ञान की जानकारी। हमने हमारी पिछली पोस्ट में सौर मंडल के सभी ग्रह – सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी पोस्ट करी थी कृपया उसे भी पड़े।

पृथ्वी का वायुमण्डल {Atmosphere of Earth}
- वायुमण्डल पृथ्वी के चारों ओर सैकड़ो किमी की मोटाई में लपेटने वाले गैसीय आवरण को कहते हैं। वायुमंडल के अतिरिक्त पृथ्वी का स्थलमंडल ठोस पदार्थों से बना और जलमंडल जल से बने हैं।
- वायुमण्डल विभिन्न गैसों का मिश्रण है जो पृथ्वी को चारो ओर से घेरे हुए है।
- निचले स्तरों में वायुमण्डल का संघटन अपेक्षाकृत एक समान रहता है।
- वायुमण्डल गर्मी को रोककर रखने में एक विशाल 'कांच घर' का काम करता है, जो लघु तरंगों और विकिरण को पृथ्वी के धरातल पर आने देता है, परंतु पृथ्वी से विकसित होने वाली तरंगों को बाहरजाने से रोकता है।
- इस प्रकार वायुमण्डल पृथ्वी पर सम तापमान बनाए रखता है।
- वायुमण्डल में जलवाष्प एवं गैसों के अतिरिक्त सूक्ष्म ठोस कणों की उपस्थिति भी ज्ञात की गई है।
- वायुमंडल के अनेक दृश्य, जैसे इंद्रधनुष, बिजली का चमकना और कड़कना, उत्तर ध्रुवीय ज्योति,दक्षिण ध्रुवीय ज्योति, प्रभामंडल, किरीट, मरीचिका इत्यादि प्रकाश या विद्युत के कारण उत्पन्नहोते हैं।
- वायुमंडल का घनत्व एक सा नहीं रहता। समुद्रतल पर वायु का दबाव इतना होता है कि वह पारे केस्तंभ को 29.92 इंच या 76 सेंटीमीटर उठाता है।
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वायुमंडल संगठन
- शुद्ध और शुष्क वायु में नाइट्रोजन 78 प्रतिशत, ऑक्सीजन, 21 प्रतिशत, आर्गन 0.93 प्रतिशतकार्बन डाई ऑक्साइड 0.03 प्रतिशत तथा हाइड्रोजन, हीलियम, ओज़ोन, निऑन, जेनान, आदिअल्प मात्रा में उपस्थित रहती हैं।
- नम वायुमण्डल में जल वाष्प की मात्रा 5 प्रतिशत तक होती है।
- वायुमण्डीय जल वाष्प की प्राप्ति सागरों, जलाशयों, वनस्पतियों तथा मृदाओं के जल से होती है।
- जल वाष्प की मात्रा भूमध्य रेखा से ध्रुवों की ओर घटती जाती है। जल वाष्प के कारण ही बादल,कोहरा, पाला, वर्षा, ओस, हिम, ओला, हिमपात होता है।
- वायुमण्डल में ओजोन परत की पृथ्वी और उस पर रहने वाले जीवों के लिए बड़ी ही महत्त्वपूर्णभूमिका है।
- यह परत सूर्य से आने वाली उच्च आवृत्ति की पराबैंगनी प्रकाश की 93-99% मात्रा अवशोषित करलेती है, जो पृथ्वी पर जीवन के लिये हानिकारक है।
- ओजोन की परत की खोज 1913 में फ़्राँस के भौतिकविद फैबरी चार्ल्स और हेनरी बुसोन ने की थी।
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